आरती कुंज बिहारी की
आरती कुंज बिहारी की।
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥
गले में बैजंती माला।
बजावैं मुरली रसाला॥
श्रवण में कुंडल झलकते।
नंद के आनंद नंदन ललते॥
आरती…
कंजक लासित मुख छबीली।
नवनीत चोर नटवर लीला॥
बसैं ब्रज-भवन में प्यारे।
भक्तन के संकट टारे॥
आरती…
कनक-कंटी कटी पीताम्बर।
रतन जड़ित मुरली मधुरांबर॥
धरें फूलन की माला।
जपें ब्रज-भक्त निराला॥
आरती…
श्री यशोदा सूत गोपाल।
सुंदर चित चोर नंदलाल॥
ग्वाल-बाल संग रास रचायो।
भक्तन संग हो रास रचायो॥
आरती…
जसुमति के नंदन लाला।
ब्रह्मादिक पूजें नित बाला॥
नर-नारी सब शरण हैं आई।
नंदकिशोर की आरती गाई॥
आरती कुंज बिहारी की।
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥