
॥ श्री काल भैरवाष्टकम् ॥ (रचयिता: आदि शंकराचार्य) देवराजसेव्यमानपावनाङ्घ्रिपङ्कजं, व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्। नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगम्बरं, काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे॥१॥ भानुकोटिभास्वरं, भवाब्धितारकं परं, नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम्।...